सरकार द्वारा चलाई जा रही मंगला पशु बीमा योजना ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालकों के लिए एक बेहतरीन पहल है। इस योजना का उद्देश्य है किसानों और पशुपालकों को पशुओं के आकस्मिक मृत्यु, बीमारी या दुर्घटना से होने वाले आर्थिक नुकसान से बचाना। आइए जानते हैं इस योजना से जुड़ी पूरी जानकारी।
मंगला पशु बीमा योजना क्या है?
मंगला पशु बीमा योजना के अंतर्गत गाय, भैंस, बैल, ऊंट, घोड़ा जैसे पशुओं का बीमा कराया जा सकता है। अगर बीमित पशु की मृत्यु हो जाती है या गंभीर बीमारी के कारण उसकी उपयोगिता खत्म हो जाती है, तो सरकार द्वारा निर्धारित मुआवजा दिया जाता है।
योजना के मुख्य लाभ
- पशु की मृत्यु पर बीमा राशि के अनुसार मुआवजा
- प्राकृतिक आपदा, दुर्घटना या बीमारी में कवर
- पशुपालकों को आर्थिक सुरक्षा
- कम प्रीमियम दर पर बीमा सुविधा
- बीमा का नवीनीकरण भी संभव
कौन ले सकता है इस योजना का लाभ?
- कोई भी ग्रामीण पशुपालक
- जिनके पास गाय, भैंस, बैल आदि पालतू जानवर हों
- न्यूनतम 1 और अधिकतम 5 पशुओं का बीमा कराया जा सकता है
- संबंधित ग्राम पंचायत या पशु चिकित्सा केंद्र से आवेदन कर सकते हैं
आवश्यक दस्तावेज़
- पशुपालक का आधार कार्ड
- पशु की फोटो (मालिक के साथ)
- बैंक पासबुक की कॉपी
- पशु चिकित्सा अधिकारी का प्रमाण पत्र
- पशु की टैगिंग संख्या (यदि हो)
आवेदन प्रक्रिया
- अपने नजदीकी पशु चिकित्सा केंद्र या ग्राम सेवक से संपर्क करें।
- आवेदन फॉर्म भरकर जरूरी दस्तावेज़ संलग्न करें।
- पशु की जांच के बाद उसका बीमा करवाया जाएगा।
- बीमा प्रमाणपत्र और पॉलिसी नंबर जारी किया जाएगा।
कितना मिलेगा मुआवजा?
मुआवजा राशि पशु की प्रजाति और उम्र के आधार पर तय होती है। जैसे:
- गाय/भैंस: ₹20,000 – ₹50,000
- ऊंट/घोड़ा: ₹30,000 – ₹60,000
- बैल/बछड़ा: ₹10,000 – ₹30,000
(यह राशि राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार बदल सकती है)
योजना से जुड़ी जरूरी बातें
- यह योजना कुछ राज्यों में मुफ्त बीमा सुविधा भी देती है
- प्रीमियम का कुछ हिस्सा सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में दिया जाता है
- योजना के तहत पशु टैगिंग अनिवार्य हो सकती है
- योजना की जानकारी स्थानीय पशु चिकित्सा केंद्र से प्राप्त की जा सकती है
निष्कर्ष
मंगला पशु बीमा योजना पशुपालकों के लिए एक सुरक्षात्मक कवच की तरह है, जो पशुओं की हानि की स्थिति में उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाता है। अगर आप भी पशुपालन करते हैं, तो इस योजना का लाभ जरूर उठाएं और अपने पशुओं का समय पर बीमा कराएं