प्रदेश सरकार अब बकरी पालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठा रही है। इस योजना के तहत राज्य सरकार बकरी पालन यूनिट स्थापित करने के लिए किसानों, पशुपालकों और युवा उद्यमियों को 50 लाख रुपये तक का लोन दिलाने में मदद करेगी। खास बात यह है कि इस लोन पर सरकार की ओर से 50% तक अनुदान (सब्सिडी) भी दिया जाएगा।
बकरी पालन में स्वरोज़गार की अपार संभावनाएं
बकरी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें कम लागत में अधिक लाभ कमाया जा सकता है। दूध, मांस, और खाद्य उत्पादों के लिए बकरियों की भारी मांग होती है। यही कारण है कि राज्य सरकार अब इस क्षेत्र में युवाओं को जोड़ने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध करा रही है।
योजना के तहत क्या मिलेगा?
इस योजना में लाभार्थी को 50 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा। इसमें बकरी खरीदने, शेड निर्माण, चारे की व्यवस्था, वैक्सीनेशन, पानी और साफ-सफाई की सुविधा के लिए खर्च शामिल होगा। कुल लागत का 50 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार की राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) योजना के अंतर्गत सब्सिडी के रूप में मिलेगा।
कौन कर सकता है आवेदन?
इस योजना का लाभ कोई भी इच्छुक व्यक्ति ले सकता है, चाहे वह किसान हो, पशुपालक हो या फिर बेरोजगार युवा। शर्त यह है कि उसके पास बकरी पालन के लिए आवश्यक ज़मीन या स्थान होना चाहिए और बैंक से लोन पास कराने के लिए एक सरल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार होनी चाहिए।
आवेदन प्रक्रिया
- नजदीकी बैंक जैसे IDBI, SBI या ग्रामीण बैंक से संपर्क करें
- एक विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करें
- राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) के तहत सब्सिडी के लिए पशुपालन विभाग में आवेदन करें
- सभी आवश्यक दस्तावेज जैसे पहचान पत्र, पता प्रमाण, ज़मीन संबंधित कागज़ात आदि जमा करें
- लोन स्वीकृत होने के बाद बकरी पालन यूनिट की शुरुआत करें
योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में पशुपालन को प्रोत्साहित करना है, जिससे ग्रामीण युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोज़गार मिले और उन्हें शहरों की ओर पलायन न करना पड़े। साथ ही दूध और मांस उत्पादन में राज्य आत्मनिर्भर बन सके।
निष्कर्ष
अगर आप बकरी पालन शुरू करना चाहते हैं और आपके पास सही योजना है, तो यह सुनहरा अवसर है। सरकार की इस योजना से आप कम लागत में बड़ा व्यवसाय खड़ा कर सकते हैं। बकरी पालन से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है और अब सरकार की मदद से इसे और भी आसान बनाया जा रहा है।