मुख्यमंत्री जीवन रक्षा योजना सरकार द्वारा शुरू की गई एक प्रभावशाली और मानवीय योजना है, जिसका उद्देश्य सड़क दुर्घटना, आगजनी या अन्य आपातकालीन स्थिति में घायल व्यक्ति की जान बचाने के लिए उसे अस्पताल पहुँचाने वाले व्यक्ति को सम्मानित करना और आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
यह योजना पहली बार राज्य सरकार द्वारा 6 सितंबर 2021 को शुरू की गई थी। इस योजना के माध्यम से आम नागरिकों को “गोल्डन ऑवर” यानी दुर्घटना के तुरंत बाद का वह समय, जो किसी घायल की जान बचाने के लिए सबसे अहम होता है, में मदद करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
कई बार सड़क हादसों में लोग मदद करने से डरते हैं, उन्हें लगता है कि अगर उन्होंने घायल को अस्पताल पहुँचाया तो उन्हें पुलिस या अदालत के चक्कर काटने पड़ सकते हैं। इसी डर को दूर करने और लोगों को सहायता के लिए प्रोत्साहित करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई। इस योजना में यदि कोई आम नागरिक किसी घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार के लिए समय पर अस्पताल लेकर जाता है, तो उसे सरकार की ओर से ₹10,000 की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। साथ ही, एक प्रशस्तिपत्र भी प्रदान किया जाता है, जो उसके सामाजिक योगदान को मान्यता देता है।
यह योजना पूरी तरह से पारदर्शी है और इसमें सहायता करने वाले व्यक्ति को कोई कानूनी कार्रवाई या पूछताछ का सामना नहीं करना पड़ता। उसे पुलिस या अदालत में गवाही देने के लिए नहीं बुलाया जाता है। योजना के तहत सहायता करने वाला कोई भी आम नागरिक हो सकता है, चाहे वह छात्र हो, व्यापारी हो, ड्राइवर हो या कोई मजदूर। बस शर्त यह है कि वह व्यक्ति घायल का रिश्तेदार, एम्बुलेंस कर्मी, पुलिसकर्मी या कोई अधिकृत सरकारी कर्मचारी नहीं होना चाहिए। ऐसे सभी सरकारी कार्मिक योजना के लाभ के पात्र नहीं हैं।
सहायता करने वाले व्यक्ति की जानकारी अस्पताल में मौजूद इमरजेंसी डॉक्टर द्वारा दर्ज की जाती है। वह व्यक्ति जो घायल को लेकर आता है, उसे अपना नाम, मोबाइल नंबर, बैंक अकाउंट की जानकारी, आधार कार्ड नंबर और पते की जानकारी देनी होती है।
ये सभी विवरण एक निर्धारित फॉर्म में भरकर अस्पताल प्रशासन की ओर से राज्य के स्वास्थ्य विभाग को भेजे जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग इसकी पुष्टि के बाद 5 कार्य दिवसों के भीतर सहायता राशि सीधे डीबीटी के माध्यम से लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर कर देता है। साथ ही, प्रशस्ति पत्र डाक, ईमेल या व्हाट्सएप के माध्यम से भी भेजा जाता है।
योजना में यह भी व्यवस्था है कि यदि एक से अधिक लोग घायल की मदद करते हैं, तो ₹10,000 की राशि सभी में बराबर बाँट दी जाती है और सभी को प्रशस्तिपत्र प्रदान किया जाता है। अगर किसी केस में घायल की स्थिति गंभीर नहीं है, तो केवल प्रशस्तिपत्र दिया जाता है, नकद राशि नहीं दी जाती। इस तरह यह योजना मानवीय संवेदनाओं को सम्मान देती है और लोगों को बिना किसी भय के मदद के लिए आगे आने का अवसर प्रदान करती है।
राज्य सरकार की रिपोर्टों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में इस योजना के तहत सैकड़ों लोगों को सम्मानित किया गया है। हालाँकि यह संख्या राज्य की कुल जनसंख्या और दुर्घटनाओं की संख्या की तुलना में कम है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अभी भी इस योजना की जागरूकता का स्तर सीमित है। सरकार को चाहिए कि वह इस योजना का प्रचार-प्रसार और अधिक करे, जैसे कि स्कूलों, कॉलेजों, पंचायत स्तर पर, सार्वजनिक स्थलों पर पोस्टर, बैनर और डिजिटल माध्यम से जानकारी दी जाए।
मुख्यमंत्री जीवन रक्षा योजना न सिर्फ एक सरकारी योजना है, बल्कि यह एक सामाजिक आंदोलन की शुरुआत भी है, जो लोगों में करुणा, संवेदना और ज़िम्मेदारी की भावना को मजबूत करती है। आज जब सड़क हादसे बढ़ रहे हैं, तब ऐसे प्रयास समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। यह योजना एक मिसाल है कि कैसे सरकार और आम लोग मिलकर किसी की जिंदगी बचाने का प्रयास कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री जीवन रक्षा योजना नोटिफिकेशन डाउनलोड करें
यदि आप इस योजना से जुड़ी अधिक जानकारी लेना चाहते हैं या किसी घटना में आपने मदद की है, तो आप राजस्थान स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन से संबंधित फॉर्म, संपर्क नंबर और अन्य विवरण प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही, हेल्पलाइन नंबर – 0141‑2225624, 0141‑2225000 और ईमेल medicalcsr@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं।