Petrol पंप पर इस तरह होता है आपका नुकसान, 0 नहीं यह चीज चेक करो

WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

जब भी आप पेट्रोल या डीजल भरवाने पेट्रोल पंप जाते हैं, तो ज़्यादातर लोग सिर्फ यही देखते हैं कि मीटर 0 से शुरू हुआ या नहीं। लेकिन असली खेल इससे भी गहरा है। तेल की चोरी अब “डेंसिटी” यानी घनत्व के जरिए की जाती है, जो आम ग्राहक की समझ से बाहर होता है — और यही बात चोरों के लिए फायदेमंद बन जाती है।

क्या होती है डेंसिटी और इसका क्या रोल है?

पेट्रोल और डीजल की एक मानक डेंसिटी (Density) होती है, यानी प्रति लीटर उसका वजन और गुणवत्ता तय होती है। ऑयल कंपनियां हर पंप को एक तय डेंसिटी रेंज में ईंधन भेजती हैं। अगर तेल की डेंसिटी सही है, तो ग्राहक को पूरा और सही गुणवत्ता वाला ईंधन मिलता है।

लेकिन अगर डेंसिटी से छेड़छाड़ की गई है, तो भले ही मीटर 1 लीटर दिखा रहा हो, लेकिन असल में उसमें ऊर्जा कम होगी, मतलब गाड़ी उतनी दूरी नहीं चलेगी जितनी सही पेट्रोल से चलती।

पेट्रोल पंप पर कैसे होती है डेंसिटी से चोरी?

  1. तेल में हल्का सॉल्वेंट या केमिकल मिलाकर उसकी डेंसिटी घटा दी जाती है।
  2. कभी-कभी नीचे टैंक में पानी मिलाने तक की शिकायतें आती हैं, जिससे डेंसिटी और गुणवत्ता दोनों खराब हो जाती हैं।
  3. मशीन की सेटिंग के जरिए घनत्व कम लेकिन मात्रा ज्यादा दिखाने की चाल चल दी जाती है।
  4. कुछ पंप कम तापमान पर डेंसिटी दिखाकर ग्राहकों को भ्रमित करते हैं, जबकि मानक तापमान पर चेक करना जरूरी होता है।

ग्राहक क्या कर सकते हैं?

  • तेल भरवाने से पहले डेंसिटी मीटर चेक करने की मांग करें – हर पंप पर डेंसिटी चेक करने की मशीन (हाइड्रोमीटर) होना जरूरी है।
  • पूछें कि तेल की डेंसिटी क्या है और कंपनी ने कितनी निर्धारित की है
  • अगर शक हो तो ऑयल कंपनी के टोल फ्री नंबर पर शिकायत करें
  • बड़े और अधिकृत पेट्रोल पंप से ही तेल भरवाएं, गांव या सड़क किनारे के पंपों पर अधिक गड़बड़ी मिलती है।

क्यों जरूरी है डेंसिटी देखना?

क्योंकि 1 लीटर पेट्रोल में अगर डेंसिटी सही नहीं है, तो आपकी गाड़ी की माइलेज प्रभावित होती है, इंजन पर असर पड़ सकता है और आप हर बार 5-10% तक का नुकसान झेलते हैं। यानी लंबे समय में हजारों रुपए की चपत लगती है।

बिलकुल, नीचे एक नया पैराग्राफ जोड़ा गया है जिसमें बताया गया है कि पेट्रोल और डीजल की डेंसिटी कितनी होनी चाहिए:

पेट्रोल-डीजल की सही डेंसिटी कितनी होनी चाहिए?

भारत में इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी कंपनियों के अनुसार, पेट्रोल की डेंसिटी सामान्यतः 0.730 से 0.750 किलोग्राम प्रति लीटर (kg/L) के बीच होनी चाहिए, जबकि डीजल की डेंसिटी 0.820 से 0.845 kg/L के बीच मानी जाती है।

यह माप सामान्यतः 15 डिग्री सेल्सियस तापमान पर ली जाती है, क्योंकि तापमान बढ़ने पर डेंसिटी कम होती है। अगर पेट्रोल पंप पर यह डेंसिटी रेंज से कम या ज्यादा पाई जाती है, तो समझिए कि ईंधन की गुणवत्ता या मात्रा में गड़बड़ी हो सकती है। ग्राहक को अधिकार है कि वह डेंसिटी चेक करवाए और उसकी रसीद मांगे।

Leave a Comment

Skip Ad