राजस्थान पालनहार योजना 2025: अनाथ, बेसहारा बच्चों को सरकार दे रही आर्थिक सहारा, जानिए कैसे मिलेगा लाभ
राजस्थान सरकार द्वारा चलाई जा रही पालनहार योजना उन बच्चों के लिए एक राहत की किरण है जो अनाथ हैं या जिनके माता-पिता उन्हें पालन-पोषण नहीं कर सकते। इस योजना के तहत सरकार बच्चों की देखरेख करने वाले पालनहार (अभिभावक) को हर महीने आर्थिक सहायता देती है ताकि बच्चे की शिक्षा और परवरिश सही तरीके से हो सके।
योजना का उद्देश्य
पालनहार योजना का मुख्य उद्देश्य समाज के अनाथ, बेसहारा, विधवा महिलाओं के बच्चों, तलाकशुदा या जेल में बंद माता-पिता के बच्चों की परवरिश घर के माहौल में करना है, ताकि उन्हें बालगृह जैसी जगहों पर न रहना पड़े और वे सामान्य जीवन जी सकें।
पात्रता कौन है?
इस योजना का लाभ उन्हीं बच्चों को मिलेगा जो निम्न में से किसी एक श्रेणी में आते हों:
- अनाथ बच्चे
- विधवा महिलाओं के बच्चे
- तलाकशुदा या परित्यक्ता महिलाओं के बच्चे
- जेल में बंद माता-पिता के बच्चे
- HIV/AIDS से पीड़ित माता या पिता के बच्चे
- गंभीर रोग से ग्रसित माता-पिता के बच्चे
कितनी मिलती है सहायता राशि?
बच्चा | सहायता राशि प्रति माह |
---|---|
0 से 6 वर्ष तक | ₹500 प्रति माह |
6 वर्ष से ऊपर (विद्यालयीन) | ₹1,000 प्रति माह |
कक्षा 1 से 12वीं तक पढ़ने वाले बच्चों को 1,000 रुपए प्रति माह दिए जाते हैं।
आवेदन की प्रक्रिया
- ऑनलाइन आवेदन: ई-मित्र या जनसुविधा केंद्र पर जाकर आवेदन किया जा सकता है।
- ऑफलाइन आवेदन: संबंधित जिला बाल कल्याण अधिकारी के कार्यालय में जाकर आवेदन करें।
- दस्तावेज़:
- बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र
- माता-पिता की मृत्यु का प्रमाण पत्र (यदि अनाथ हो)
- पालक का पहचान पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- स्कूल का प्रमाण पत्र (यदि बच्चा पढ़ाई कर रहा हो)
- बैंक खाता विवरण
जरूरी बातें
- आवेदन की स्वीकृति के बाद राशि सीधे पालनहार के बैंक खाते में DBT के माध्यम से भेजी जाती है।
- बच्चे की शिक्षा व स्वास्थ्य की देखरेख पालनहार द्वारा की जाती है।
- हर साल बच्चे का स्कूल प्रमाण पत्र जमा करना होता है।
योजना से संबंधित वेबसाइट
राजस्थान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग